अंतर्विद्यालय कला समाहित संस्कृत शिक्षण कार्यशाला में शैक्षणिक मंथन…….
(सी बी एस ई सहोदय विद्यालय कार्यक्रम आयोजित)
मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल देहरादून के सभागार में अंतर्विद्यालय कला समाहित संस्कृत शिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन मानव भारती की प्रधानाचार्या डॉ०गीता शुक्ला ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।इस अवसर पर बच्चों ने दीप श्लोक, सरस्वती वन्दना के साथ स्वागत गीत प्रस्तुत किया।”मम बालपाठशाला” संस्कृत कविता से बच्चों ने संस्कृत की सरलता और सहजता का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यशाला के मुख्यवक्ता तथा संयोजक डॉ०अनन्तमणि त्रिवेदी ने अतिथि अध्यापकों का स्वागत करते हुए हंसते खेलते संस्कृत शिक्षण पर विशेष जोर दिया।श्री त्रिवेदी ने कहा कि संस्कृत शिक्षण में सरलता और सहजता बहुत आवश्यक है। संस्कृत भाषा को कक्षाओं में सरल, सुबोध, बोधगम्य, मौखिक, मधुर तथा कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से पढ़ाना चाहिए जिससे बच्चे संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षित हों, डरें नहीं। ज्ञातव्य हो कि उत्तराखंड का पहला ऐसा स्कूल है मानव भारती जहां पहली कक्षा से बच्चे संस्कृत पढ़ते हैं और संस्कृत भाषा के प्रति अपना सम्मान भी रखते हैं। बच्चों को चयनित श्लोकों,सरल सुबोध कविताओं, कहानियों, नाटकों,संवाद लेखन इत्यादि अनेक माध्यमों से संस्कृत सिखाना चाहिए।
ये बच्चे जो बचपन में संस्कृत पढ़ेंगे,चरण वन्दना गूरुजनों की करेंगे।सदा शिष्ट वातावरण में रहेंगे, तो निश्चित विनय शील शाली बनेंगे।
यह संस्कृत हमारी परम पूज्य भाषा
इसी का सदा अभ्युदय चाहता हूं ।
इसी का मधुर गान सर्वत्र गूंजे
वही देखना फिर समय चाहता हूं ।
इसी में अखिल ज्ञान संचित हमारा
इसीने है जीवन संवारा सुधारा ।
इसी के चरण- अर्चना- वंदना में
निरंतर लगाना हृदय चाहता हूं ।
इसी को पढूं मैं इसी में लिखूं मैं
इसी की सदा मंजु- वाणी सुनूं मैं ।
इसी के उदय में इसी के प्रणय में
मैं जीवन का अपने विलय चाहता हूं ।।
सरला भाषा मधुरा भाषा दिव्या भाषा संस्कृतम्।
मुनिजन -वाणी कविजन-वाणी बुधजन-वाणी संस्कृतम्।।
इस अवसर पर अपने विशेष धन्यवाद ज्ञापन में प्रधानाचार्या डॉ० गीता शुक्ला ने कला समाहित संस्कृत शिक्षण पर विशेष ध्यान देने की बात कही ताकि बच्चे संस्कृत शिक्षण में रूचि लें और तत्परता से संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षित होते रहें। डॉ० शुक्ला ने आगन्तुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया और कार्यशाला में किए गए विचारों को कक्षाओं में पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। मानव भारती के निदेशक डॉ०हिमांशु शेखर ने सफलतापूर्वक संपन्न कार्यशाला के लिए सभी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान की।
कार्यशाला का सुमधुर संचालन प्राची रावत कक्षा दसवीं की छात्रा ने की। सहयोग अम्बिका शाह कक्षा आठवीं की छात्रा ने किया। इस अवसर पर उपप्रधानाचार्य श्री अजय गुप्ता, वरिष्ठ समन्वयक जेनेफर पैफट, कनिष्ठ समन्वयक आरती रतूड़ी, राजीव सागर, संजीव रावत, विपिन कुमार, अंकित शर्मा, विनीता पांडे इत्यादि उपस्थित थे।
अतिथि शिक्षकों में अंकित शर्मा, बबीता नेगी, महादेव पालीवाल, डॉ०नूतन स्मृति, बबीता देवी, कुमारी पूनम, विनीता पंवार, श्वेता मलासी,शशीवाला,श्री गिरीश चंद्र जोशी,दीपक जोशी, पूजा कौशिक, दिनेश चंद्र नवानी, हेमलता कैंतुरा सहित अनेक विद्यालयों के अध्यापक -अध्यापिकाएं उपस्थित थीं।
“भारतीयैकता साधकं संस्कृतम् ” के समूह गान, तथा विश्व शांति पाठ से कार्यशाला का समापन किया गया। जयतु संस्कृतं जयतु भारतम्।