मानव भारती देहरादून में नया थियेटर भोपाल की प्रस्तुति….
“जिन लाहौर नी वेख्या वो जंम्यां ही नहीं”
स्पिक मैके उत्तराखंड द्वारा प्रायोजित तथा मानव भारती देहरादून उत्तराखंड के मंच पर अभिमंचित नाटक “जिन लाहौर नी वेख्या वो जंम्यां ही नहीं” का अभिमंचन किया गया। नया थियेटर के निर्देशक श्री रामचन्द्र सिंह ने अपने कलाकारों के साथ नाटक का मंचन किया। नाटक का निर्देशन तथा लेखन पद्मभूषण हबीब तनवीर ने की है।
यह नाटक भारत-पकिस्तान के विभाजन पर 1980 में लिखा गया जो 1947 के विभाजन से प्रेरित था। विस्थापितों की वेदना और कार्यशैली पर अभिमंचित इस नाटक ने दर्शकों के बीच अनेक सुंदर संदेश देने का प्रयास किया है जो काबिले तारीफ़ थी।
दादी की भूमिका में कलाकार ने अनेक संदेश दिए जिसमें मुश्किल के दिनों में धैर्य से कार्य लेने का संदेश, अपना वतन तो अपना वतन ही होता है, आत्मबल के साथ अपनों की वेदना का दर्द इस नाटक में बखूबी दिखाने का प्रयास किया गया। नाटक ने छात्रों के बीच यह संदेश देने का प्रयास किया कि बल से नहीं प्यार से हवेली तो क्या दुनियां जीती जा सकती है।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलित से हुआ जिसमें मानव भारती के प्रधानाचार्य डॉ. गीता शुक्ला ने, मुख्य अतिथि श्री रामचंद्र सिंह ने तथा डॉ. अनन्तमणि त्रिवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। संस्कृत श्लोक का वाचन अवंतिका भंडारी कक्षा नौवीं की छात्रा ने किया। डाॅ. गीता शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत एवम् सम्मान करते हुए उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया।
इस कार्यक्रम में स्पीक मैके उत्तराखंड के सदस्यों के साथ मानव भारती की पूर्व छात्रा तनीषा पंवार, उप प्रधानाचार्य श्री अजय गुप्ता, सीनियर कार्डिनेटर जेनिफर पैफट, जूनियर कार्डिनेटर आरती रतूड़ी के साथ मानव भारती के सभी अध्यापक तथा अध्यापिकाएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन जसलीन कौर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.अनन्तमणि त्रिवेदी ने किया।